योगी आदित्यनाथ असली नाम अजय सिंह बिष्ट है और इन का जन्म 5 जून 1972 को हुआ था । योगी आदित्यनाथ गोरखपुर के प्रसिद्ध गोरखनाथ मन्दिर के महन्त है तथा राजनेता हैं और अभी वे में उत्तर प्रदेश के मुख्यमन्त्री पद पर मौजूद हैं।
योगी आदित्यनाथ ने 19 मार्च 2017 को विधान सभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की जीत के बाद 21वें मुख्यमन्त्री पद की शपथ ली थी। उन्होंने 1998 से 2017 तक बीजेपी की तरफ से गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया और फिर 2014 के लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए। योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मन्दिर के पूर्व महन्त जिनका नाम अवैद्यनाथ है उनके उत्तराधिकारी हैं। योगी आदित्यनाथ हिन्दू युवा वाहिनी के संस्थापक भी हैं, और इनकी जो छवि है वो एक प्रखर राष्ट्ररवादी नेता की है।
योगी आदित्यनाथ का प्रारंभिक जीवन
सीएम योगी आदित्यनाथ का जन्म 5 जून 1972 को एक गढ़वाली क्षत्रिय परिवार में हुआ जो उत्तराखण्ड के पौड़ी गढ़वाल जिले में स्थित यमकेश्वर तहसील के पंचुर गाँव में है। इनके पिताजी का नाम आनन्द सिंह बिष्ट है जोकी एक फॉरेस्ट रेंजर थे और इनकी माता का नाम सावित्री देवी है। योगी आदित्यनाथ के पिता की मृत्यु 20 अप्रैल 2020 हुई थी। योगी आदित्यनाथ अपने भाई बहनों में पांचवें थे नंबर के थे और उनसे बड़ी तीन बहने व एक बड़े भाई है और इनसे दो छोटे भाई हैं।
योगी आदित्यनाथ की शिक्षा
योगी आदित्यनाथ ने 1977 में टिहरी के गजा के एक स्थानीय स्कूल में पढ़ाई शुरू की थी और 1987 में यही से दसवीं की परीक्षा इन्होने पास की थी। सन् 1989 में इन्होंने इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की थी और जिस कोलेगे से उन्होंने ये परीक्षा पास की वो उसका नाम है श्री भरत मन्दिर इण्टर कॉलेज जो ऋषिकेश में है ।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 1990 में ग्रेजुएशन की पढ़ाई करते हुए ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को ज्वाइन किया। 1992 में इन्होंने गणित में बीएससी की परीक्षा पास की वो भी श्रीनगर के हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से । जब ये कोटद्वार में रहते थे तो वहा रहने के दौरान ही योगी आदित्यनाथ का कमरे से उनका सामान चोरी हो गया था जिसमें योगी जी के प्रमाण पत्र चोरी हो गए थे और उसी के कारण गोरखपुर से विज्ञान स्नातकोत्तर करने की इनकी इच्छा असफल रह गयी।
इन सबके बावजूद योगी आदित्यनाथ जी ने ऋषिकेश में दोबारा से विज्ञान स्नातकोत्तर में प्रवेश लिया लेकिन उसी समय राम मंदिर आंदोलन का प्रभाव और प्रवेश को लेकर योगी जी का ध्यान दूसरी जगह बंट गया। 1993 में जब वे गणित में एमएससी की पढ़ाई कर रहे थे तब गुरु गोरखनाथ पर शोध करने के लिए ये गोरखपुर आ गए और फिर गोरखपुर में अपने चाचा महंत अवैद्यनाथ के शरण में ये गए और फिर उन्होंने दीक्षा ली। इसके बाद 1994 में ये पूर्ण संन्यासी बन गए और फिर इसके बाद इनका नाम अजय सिंह बिष्ट से बदलकर योगी आदित्यनाथ हो गया।
माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 12 सितंबर 2014 को गोरखनाथ मंदिर का महंत बनाया गया क्योकि वहा के पूर्व महन्त अवैद्यनाथ का निधन हो गया था। और फिर उसी के 2 दिन बाद इन्हें नाथ पंथ के पारंपरिक अनुष्ठान के अनुसार उस मंदिर का पीठाधीश्वर बनाया गया।
योगी आदित्यनाथ का राजनैतिक जीवन
योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले 1998 में गोरखपुर से भाजपा प्रत्याशी का चुनाव लड़ा और जीत गए। उस समय इनकी उम्र केवल 26 वर्ष थी। और वे बारहवीं लोक सभा जो कि 1998-99 की थी उसके सबसे युवा सांसद थे। इसके बाद ये 1999 में गोरखपुर से दोबारा सांसद चुने गए।
योगी जी ने अप्रैल 2002 में हिन्दू युवा वाहिनी बनायी। इन्होने 2004 में फिर तीसरी बार लोकसभा का चुनाव जीता। और 2009 में ये 2 लाख से भी ज्यादा वोटों से जीतकर लोकसभा पहुंचे। इसके बाद 2014 में ये पांचवी बार फिर से दो लाख से ज्यादा वोटों से जीतकर सांसद चुने गए। दोस्तों 2017 में योगी आदित्यनाथ को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने विधानसभा चुनाव में पूरे राज्य में प्रचार करवाया था और फिर इन्हें एक हेलीकॉप्टर भी दिया गया।
सीएम योगी आदित्यनाथ को 19 मार्च 2017 को विधायक दल का नेता चुनकर मुख्यमंत्री पद सौंपा गया जो की उत्तर प्रदेश के बीजेपी विधायक दल की बैठक किया गया था ।
योगी आदित्यनाथ का मुख्यमंत्री निर्वाचन
योगी आदित्यनाथ ने रविवार, 19 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के पद की शपथ ली। ये समारोह कांशीराम स्मृति उपवन में हुआ था जो की लखनऊ में स्थित है । आर इनके साथ वहा पर दो उप-मुख्यमंत्री भी बनाये गए जो की उत्तर प्रदेश के राजनीतिक इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था के दो उप-मुख्यमंत्री बनाये गए। इस शपथ समारोह में हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और पार्टी के और भी कई बड़े बड़े नेता शामिल हुए थे।
योगी आदित्यनाथ का हिन्दू युवा वाहिनी संगठन
दोस्तों हिन्दू युवा वाहिनी योगी आदित्यनाथ द्वारा स्थापित संगठन है और इस संगठन में केवल हिन्दुओं को ही शामिल किया गया था। 2005 में इस हिन्दू युवा वाहिनी संगठन पर पुलिस ने मउ में हुए दंगों का आरोप भी लगाया।
इसके साथ ही 2007 में हिन्दू युवा वाहिनी पर गोरखपुर में हुए दंगे का भी आरोप लगाया गया था ।
विवाद
योगी आदित्यनाथ पर 7 सितम्बर 2008 को आजमगढ़ में एक जानलेवा हिंसक हमला हुआ था और इस हमले में वे बाल-बाल बचे थे। यह हमला बहुत बड़ा था इस हमले में सौ से भी अधिक वाहनों को हमलावरों ने घेर लिया था और लोगों को लहूलुहान कर दिया था। योगी आदित्यनाथ को गोरखपुर दंगों के दौरान गिरफ्तार किया गया वो भी तब जब मोहर्रम के दौरान फायरिंग में एक हिन्दू युवा की जान चली गयी थी। वहा के अधिकारियों ने इन्हें वहा जाने से मना कर दिया लेकिन आदित्यनाथ उस जगह पर जाने के लिए अड़ गए फिर उन्होंने उस शहर में लगे हुए कर्फ्यू को हटाने की मांग राखी और अगले ही दिन उन्होंने शहर के मध्य में ही एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन करने की घोषणा की लेकिन जिलाधिकारी ने इसे करने की अनुमति देने से मना कर दिया।
योगी आदित्यनाथ ने इस बात की चिंता नहीं की और अपने हजारों समर्थकों के साथ अपनी भी गिरफ़्तारी दी। इसके बाद इस कदम को देखते हुए आदित्यनाथ को सीआरपीसी की धारा 151A, 146, 147, 279, 506 के तहत जेल भेजा गया। और इसी वजह से मुंबई-गोरखपुर गोदान एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे आग से फूंक दिए गए, जिसका आरोप पूरी तरह से उनके संगठन पर लगा जिसका नाम था हिन्दू युवा वाहिनी।
योगी आदित्यनाथ हमेशा धर्मांतरण और घर वापसी के खिलाफ रहे हे जिसकी वजह से वो काफी चर्चा में रहे। ऐसा मन जाता है की 2005 में योगी आदित्यनाथ ने कथित तौर पर 1800 ईसाइयों को उत्तर प्रदेश के एटा जिले में हिन्दू धर्म में शामिल करवाया था।
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